वसूली मामले में आरोपी मुंबई पुलिस के पूर्व कमिश्नर परमबीर सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर संरक्षण की मांग की थी. इस याचिका पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. यहां कोर्ट ने कहा कि परमबीर सिंह को गिरफ्तारी से छूट मिलेगी लेकिन उन्हें जांच में सहयोग करना होगा. परमबीर सिंह के वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि वह देश में ही हैं. वकील ने कहा- वह कोई फरार नहीं होना चाहते,वसूलीमामलापरमबीरसिंहकोSCसेराहतगिरफ्तारीसेछूटलेकिनजांचमेंसहयोगकरनाहोगा वह भागना नहीं चाहते. हालांकि मुद्दा यह है कि उनके महाराष्ट्र में प्रवेश करते ही उनके जीवन के लिए एक बहुत ही बड़ा खतरा है. उन्होंने आगे कहा मैंने हाई कोर्ट से भी कहा कि मैंने गृह मंत्री के खिलाफ स्टैंडदे लिया है इसलिए जरूरी है कि मामला सीबीआई के पास जाए.परमबीर की ओर से वकील ने आगे कहा- मैंने 15 अप्रैल को डीजीपी से मुलाकात की थी. मेरे पास व्हाट्सएप ट्रांसक्रिप्ट है जिसमें डीजीपी मुझसे कह रहे हैं कि अपना पत्र वापस ले लो और मैं आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करूंगा. और अगर आप ऐसा नहीं करते, तो आपके खिलाफ कई मामले दर्ज होंगे. उन्होंने आगे बताया कि वह मुझसे यह भी कह रहे हैं कि मुझे सीबीआई से सुलह करनी होगी. मैंने पूरी ट्रांसक्रिप्ट रिकॉर्ड की और सीबीआई को भेज दी है.इस सब पर जस्टिस एसके कौल ने कहा अगर मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त कहते हैं कि उन्हें मुंबई पुलिस से खतरा है तो इससे किस तरह का मैसेज जाता है? कौल ने कहा पूछा- आप पूर्व गृह मंत्री के संपर्क में थे? इसपर सिंह के वकील ने कहा- मुझे अपने जूनियरों से पता चला कि गृह मंत्री जबरन वसूली की मांग कर रहे हैं तो मैंने महाराष्ट्र के सीएम को लिखा और कार्रवाई की मांग की. मैंने सुप्रीम कोर्ट से भी संपर्क किया और सीबीआई जांच की मांग की और कहा कि मुझे मेरे पद से हटा दिया गया है. मुझे हाईकोर्ट जाने को कहा गया और कहा गया कि मेरा मामला सीबीआई के पास जाना चाहिए. हाईकोर्ट ने मेरी याचिका को भी मंजूर कर लिया. उन्होंने बताया कि- मार्च में DGP ने मुझसे अपनी चिट्ठी वापस लेने को कहा और उन्होंने मुझसे गृह मंत्री के साथ शांति स्थापित करने को कहा. फिर मैंने वो चिट्ठी सीबीआई को भेजी और सीबीआई ने देशमुख के खिलाफ मामला दर्ज किया.गौरतलब है कि पिछली सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह को फिलहाल संरक्षण नहीं मिलेगा, जब तक ये बताया नहीं जाएगा कि वो कहां हैं?बता दें कि गत 22 जुलाई को मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस स्टेशन ने परमबीर सिंह, पांच अन्य पुलिसकर्मियों और दो अन्य लोगों के खिलाफ एक बिल्डर से कथित तौर पर 15 करोड़ रुपये मांगने के आरोप में केस दर्ज किया था. आरोप है कि आरोपियों ने एक-दूसरे की मिलीभगत से शिकायतकर्ता के होटल और बार के खिलाफ कार्रवाई का डर दिखाकर 11.92 लाख रुपये की उगाही की थी. इस मामले की जांच क्राइम ब्रांच कर रही है. उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद भी उनका कोई अतापता नहीं है.परमबीर सिंह ने मुंबई के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार और जबरन वसूली का आरोप लगाया था. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में उन्होंने देशमुख पर हस्तक्षेप करने और हर महीने 100 करोड़ रुपये तक की जबरन वसूली करने के लिए पुलिस का उपयोग करने का आरोप लगाया था. उन्होंने मुकेश अंबानी बम मामले में जांच धीमी होने पर पद से हटाए जाने के कुछ दिनों बाद यह पत्र लिखा था.