दक्षिण अफ्रीका (South Africa) में कारोबारी साम्राज्य खड़ा करने वाले गुप्ता ब्रदर्स (Gupta Brothers) एक बार फिर से चर्चा में हैं. दरअसल गुप्ता परिवार के दो भाइयों राजेश गुप्ता (Rajesh Gupta) और अतुल गुप्ता (Atul Gupta) को संयुक्त अरब अमीरात (UAE) में गिरफ्तार कर लिया गया है. हालांकि अभी तीसरे भाई अजय गुप्ता (Ajay Gupta) के बारे में जानकारी साफ नहीं है कि उनकी गिरफ्तारी हुई है या नहीं.कभी दक्षिण अफ्रीका के कारोबार जगत में गुप्ता बंधुओं की तूती बोलती थी. तीनों भाई अजय गुप्ता,सहारनपुरवालेगुप्ताब्रदर्सकीकहानीसाउथअफ्रीकामेंखूबचलाकारोबारअबगिरफ्तार अतुल गुप्ता और राजेश गुप्ता मूल रूप से उत्तर प्रदेश के सहारनपुर (Sharanpur) के रहने वाले हैं. तीनों भाई 1993 में दक्षिण अफ्रीका पहुंचे थे. इन तीनों भाइयों के दक्षिण अफ्रीका में बिजनेस का विशाल साम्राज्य खड़ा करने की कहानी बिल्कुल फिल्मी है. आपको यह जानकर हैरानी होगी कि इनके पिता शिवकुमार गुप्ता (Shivkumar Gupta) सहारनपुर के रानीबाजार स्थित रायवाला मार्केट में कभी राशन की दुकान चलाया करते थे. गुप्ता बंधुओं के पिता सहारनपुर में मसालों के जाने-माने कारोबारी थे.इन तीनों भाइयों का बचपन सहारनपुर में ही बीता है. तीनों भाई पढ़ाई में तेज-तर्रार थे. पिता शिवकुमार ने साल 1985 में मंझले बेटे अतुल गुप्ता को पढ़ने के लिए दिल्ली भेज दिया. पढ़ाई के बाद अतुल ने कुछ दिन तक दिल्ली के हयात होटल में नौकरी की और यहीं से साउथ अफ्रीका चले गए. तेज दिमाग अतुल ने जल्द ही पहचान लिया कि रंगभेद के दौर से उबर रहे दक्षिण अफ्रीका में व्यापार की अपार संभावनाएं हैं. अतुल गुप्ता ने सबसे पहले अपना एक छोटा-सा बिजनेस यहां शुरू किया. बिजनेस ने जैसे ही रफ्तार पकड़ी, अतुल ने अपने दोनों भाइयों अजय और राजेश को भी दक्षिण अफ्रीका बुला लिया.अतुल गुप्ता ने 1993 में दक्षिण अफ्रीका में सहारा कंप्यूटर्स (Sahara Computers) की शुरुआत कर साम्राज्य खड़ा करने की दिशा में पहला बड़ा कदम उठाया. शुरुआत में कारोबार बहुत छोटा था, लेकिन तीनों की मेहनत रंग लाई. और पूरे दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता बंधु का कम्प्यूटर कारोबार फैल गया. यही नहीं, जल्द ही इनकी कंपनी दक्षिण अफ्रीका की नंबर वन कंपनी बन गई. उसके बाद गुप्ता बंधुओं ने कोल और गोल्ड माइनिंग (Coal & Gold Mining) में भी हाथ आजमाया. गुप्ता बंधुओं ने मीडिया क्षेत्र (Media Business) में भी हाथ आजमाया और दक्षिण अफ्रीका में न्यूज एज (New Age) नाम से अखबार शुरू कर दिया. इसके बाद गुप्ता ब्रदर्स दक्षिण अफ्रीका में कई न्यूज चैनलों के मालिक बन गए.साल 1994 में गुप्ता ब्रदर्स ने 1.4 मिलियन रेंड से कंपनी की शुरुआत की थी. इसके बाद अगले तीन साल में यह कंपनी 97 मिलियन रेंड की बन गई. एक समय दक्षिण अफ्रीका के व्यापार जगत में तीनों भाइयों का बड़ा नाम बन चुका था. हालांकि गुप्ता बंधुओं के राजनीतिक संबंध कारोबारी साम्राज्य पर भारी पड़ गए. दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा (Jacob Zuma) के साथ गुप्ता बंधुओं का काफी नजदीकी संबंध हुआ करता था.गुप्ता बंधुओं का बुरा समय साल 2016 में उस समय शुरू हुआ, जब तत्कालीन उप वित्त मंत्री मसोबिसि जोनास ने आरोप लगाया कि गुप्ता बंधुओं ने उन्हें वित्त मंत्री बनवाने का वादा किया था. इसके बाद गुप्ता बंधुओं पर आरोप लगा कि उन्होंने जैकब जुमा के साथ संबंधों का इस्तेमाल कर न सिर्फ गलत तरीके से कारोबार को बढ़ाया बल्कि राजनीति में भी दखल देने लगे. विवाद इस कदर बढ़ गया कि दक्षिण अफ्रीका में कभी बहुत लोकप्रिय रहे पूर्व राष्ट्रपति जैकब जुमा को इन भाइयों की वजह से अपनी कुर्सी गंवानी पड़ गई.इसके बाद गुप्ता बंधुओं पर सरकारी जांच का शिकंजा कसता चला गया. साल 2018 में दक्षिण अफ्रीका में गुप्ता परिवार के कई ठिकानों पर पुलिस ने छापा डाला. इस परिवार पर आरोप लगा कि उन्होंने राष्ट्रपति से अपने संपर्कों का फायदा उठाकर कई सरकारी ठेके हासिल किए और मंत्रियों की नियुक्तियों में भी हस्तक्षेप किया. शिकंजा कसता देख तीनों भाई दुबई चले गए थे और तब से वहीं रह रहे थे. अब दो भाइयों को यूएई (UAE) में ही गिरफ्तार कर लिया गया है.